Congress National Convention in Chhattisgarh

Congress का पूर्ण अधिवेशन 24 से छत्तीसगढ़ में, क्या खड़गे कर पाएंगे सीडब्ल्यूसी का गठन?

Mallikarjun kharge

चुनाव होगा या फिर मनोनीत करेंगे पार्टी अध्यक्ष, इस पर संशय

Congress National Convention in Chhattisgarh: नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ में नया रायपुर के पास 24 से 26 फरवरी तक होने वाले कांग्रेस के 85वें पूर्ण अधिवेशन में अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Mallikarjun kharge) के चुनाव की पुष्टि होगी, लेकिन देश और दुनिया की निगाहें इस बात पर भी टिकी होंगी कि पार्टी की सीडब्ल्यूसी यानी कांग्रेस वर्किंग कमेटी कैसी बनेगी? कांग्रेस के नेता सोच रहे हैं कि क्या नए अध्यक्ष कांग्रेस कार्यसमिति के चुनाव करवाएंगे और मजबूत जमीनी नेताओं के चुनाव लड़ने का मार्ग प्रशस्त करेंगे या फिर वे अपनी पूर्ववर्ती सोनिया गांधी की अध्यक्षता के दौरान प्रचलित नामांकन प्रणाली को ही आगे जारी रखेंगे। गौरतलब है कि इस पूर्ण अधिवेशन की तैयारियों के लिए आजकल नया रायपुर में पार्टी के राष्ट्रीय नेताओं का आना-जाना लगा हुआ है। प्रदेश प्रभारी कुमारी सैलजा (Chhattisgarh State incharge kumari Selja)  ने इस दौरान दो बड़ी बैठकें की हैं, इस दौरान अधिवेशन के संबंध में रणनीति बनाई गई है। कांग्रेस ने इस बार अपने पूर्णकालिक राष्ट्रीय अध्यक्ष को चुना है, जिसकी अध्यक्षता में यह अधिवेशन होने जा रहा है। पार्टी अगले वर्ष प्रस्तावित (Lok Sabha Elections 2024) लोकसभा चुनाव की तैयारियों में भी पूर्ण जोर-शोर से जुट चुकी है। 

इस समय ज्यादातर मनोनीत सदस्य

इस समय कांग्रेस के लगभग आधे सीडब्ल्यूसी सदस्य निर्वाचित और आधे कांग्रेस अध्यक्ष द्वारा मनोनीत हैं। हालांकि, आंतरिक चुनावों की मांग हो रही है। यह उस मांग के चार्टर का भी हिस्सा था, जिसमें जी 23 के अंसतुष्ट कांग्रेस नेताओं की ओर से पार्टी में सुधार के लिए तत्कालीन राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी को पत्र लिखा था। रायपुर में पार्टी में चुनाव कराने के अलावा पार्टी के संविधान में संशोधन करने की संभावना है, लेकिन अगर एआईसीसी के अधिकांश सदस्य खड़गे को नए सीडब्ल्यूसी के गठन के लिए अधिकृत करते हैं तो उनके चुनाव नहीं होंगे।

 

छह समूहों में बांटकर विभिन्न मुद्दों पर होगी चर्चा

सीडब्ल्यूसी चुनावों के अलावा, एआईसीसी सदस्यों को छह समूहों में विभाजित किया जाएगा और प्रत्येक समूह महत्वपूर्ण मुद्दों के अलावा राजनीति, चुनाव और आगे की राह सहित विभिन्न मुद्दों पर चर्चा, बहस और एक प्रस्ताव के साथ सामने आएगा। हालांकि, पार्टी महासचिव संगठन सीडब्ल्यूसी चुनावों पर अप्रतिबंधित रहे हैं। लेकिन जब उन्होंने 2 जनवरी को पूर्ण सत्र की तारीखों की घोषणा की, तो उन्होंने कहा, पूर्ण सत्र के दौरान सीडब्ल्यूसी के चुनाव भी होंगे।

 

चुनाव हुए तो थरूर नहीं लड़ेंगे

सीडब्ल्यूसी का चुनाव होता है तो कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता इसमें शामिल होने के लिए आगे आने को तैयार हैं, लेकिन शशि थरूर, जिन्हें नए सीडब्ल्यूसी में शामिल किए जाने की संभावना है, ने दोहराया है कि वह कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) का चुनाव नहीं लड़ेंगे। थरूर ने कहा, मैं पहले ही कह चुका हूं कि मुझे फिर से चुनाव में कोई दिलचस्पी नहीं है और इसलिए अगर सीडब्ल्यूसी का चुनाव होता है तो मैं यह चुनाव नहीं लड़ूंगा। यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें मनोनीत किए जाने की उम्मीद है, उन्होंने कहा, मैं कुछ भी उम्मीद नहीं कर रहा हूं, और आगे पूछे जाने पर कि क्या सीडब्ल्यूसी के चुनाव की जरूरत है, उन्होंने जवाब दिया, इस मुद्दे पर हमेशा दो राय रही है और इस पर पार्टी का संविधान भी स्पष्ट है।
 

सीडब्ल्यूसी में अध्यक्ष समेत शामिल हैं 25 सदस्य

कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) में पार्टी अध्यक्ष समेत 25 सदस्य हैं। 12 पार्टी प्रमुख द्वारा नामित किए जाते हैं और शेष 12 एआईसीसी सदस्यों द्वारा चुने जाते हैं। अक्टूबर में, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सीडब्ल्यूसी के स्थान पर 47 सदस्यीय संचालन समिति का गठन किया था, जिसमें उनके पूर्ववर्ती सोनिया गांधी, राहुल गांधी और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल थे। हालांकि, पार्टी भारत जोड़ो यात्रा के पूरा होने पर राहुल गांधी का भव्य स्वागत करने की योजना बना रही है और यात्रा में भाग लेने वालों को एआईसीसी में नामांकित किया जा सकता है। कांग्रेस इस साल बड़े राज्यों में बड़े चुनाव लड़ेगी, जहां उसका सीधा मुकाबला भाजपा से होना है। कर्नाटक से शुरू होकर, जिसमें दो दर्जन से अधिक लोकसभा सदस्य हैं, उसके बाद मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़, चुनाव कांग्रेस के साथ-साथ भाजपा के लिए भी एक परीक्षा है। दो चुनावी राज्यों में कांग्रेस सत्ता में है।
 

इन विषयों पर रहेगा पार्टी का फोकस

पूर्ण अधिवेशन में राजनीतिक, आर्थिक, अंतरराष्ट्रीय संबंध, कृषि, सामाजिक न्याय, शिक्षा और रोजगार पर चर्चा होगी। इन विषयों को लेकर पार्टी अपनी दिशा तय करेगी, माना जा रहा है कि अगले वर्ष होने वाले लोकसभा चुनाव के घोषणा पत्र की रूपरेखा भी इसी अधिवेशन के दौरान तैयार की जाएगी। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्‌डा ने कृषि आधारित विषयों पर गठित कमेटी के साथ इस क्षेत्र में किए जाने वाले सुधारों, उपायों पर रिपोर्ट तैयार की है। इसी प्रकार अन्य कमेटियों की ओर से भी रिपोर्ट बनाई गई हैं। इस तीन दिवसीय अधिवेशन में शामिल होेने के लिए देशभर से 12 से 14 हजार कांग्रेस पदाधिकारी रायपुर पहुंचेंगे। इनके ठहरने के लिए नवा रायपुर में मेला ग्राउंड में टेंट सिटी बनाई गई है। 

समाचार एजेंसी आईएएनएस से इनपुट के साथ